मेरी सबसे अपील

सब लोगो से मेरी अपील है की

यदी आपने कभी भी सिगरेट नहिं पी है, और टेस्ट करने का सोच रहे है तो STOP!!!!!!!!!!!

ऐसा करने से कन्ट्रोल रखना मुश्किल हो जाता है। अकेलेपन में यदी आप एक बार सिगरेट पीते है, तो दुसरी बार फिर से अकेलापन आने पर आप फिर से पीते है। और यदी कोई बडा अकेलापन आ गया, तो आप को आदत लग जाती है। ईसके लिए सिर्फ एक घंटा काफी होता है।

सिगरेट ईतनी खराब चीज है, जो आपको अपने चंगुल में बुरी तरह फंसा लेती है। फिर छोडना मुश्किल हो जाता है।

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रविवार, 28 अगस्त 2011

मेरे वजूद में आये बदलाव


जब मैं सिगरेट का आदी हो गया था, तब से मेरे वजूद में बहुत से बदलाव आ गये हैः

जैसे फिल्मे देखनाः- पहले मैं अमिताभ बच्चन की पुरानी फिल्मे बहुत देखता था, लेकिन उसमें ज्यादातर सभी लोगो को स्मोकिंग करने की फेशन है।

रजनीकांतः- पहले वो मुजे ऍक्शन हिरो लगता था, लेकिन अब उसे धिक्कारता हुं। (I hate Rajnikant.)


समाजः- पह्ले मैं सोचता था, “कितने खुशनसीब है वो लोग जिसे सिगरेट पीने का मिलता है।“ और आज, “हम ही बदनसीब है, क्योंकी सिगरेट की आदत से गुजर चुके है।“

मित्रः- मैं अपने रूम में अकेला रहता हुं। पहले मेरे रूम पार्टनर सिगरेट पीते थे, तब उसे टोकता रहता था। आज उन सबसे माफी मांगने का दिल करता है, लेकीन यदी पता चल गया तो मुझे ब्लेकमेल करंगे और मजाक बनाकर रख देंगे।

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